क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

Sunday, July 31, 2016

#Breastfeeding : मां का दूध तय करता है बच्चे का मानसिक स्तर!


अगस्त माह का पहला सप्ताह 170 से भी अधिक देशों में #ब्रेस्टफीडिंग के तौर पर मनाया जा रहा है। हफ्तेभर तक चलने वाले इस मंसूबे को मनाने का मकसद #ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जागरुकता फैलाना और मां के दूध की शिशुओं के लिए जरूरत पर जोर देना होता है। पहली बार ब्रेस्टफीडिंग डे 1992 में मनाया गया था। एक सर्वे के अनुसार सामने आया है कि भारत में 30 फीसदी महिलाएं अपना फिगर खराब होने और कई भ्रांतियों के चलते अपने शिशुओं को स्तनपान कराने से परहेज करती है। जबकि मेडिकल साइंस का कहना है कि शिशुओं को स्तनपान कराने से ब्रेस्ट की शेप पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर

बल्कि इससे स्तन सुडोल होने के साथ ही मां की शारीरिक बनावट में निखार आता है। एक कहावत है कि 'मां का दूध नसीब वालों को ही मिलता है।' इस कहावत में काई दोराय नहीं है। क्योंकि मां का दूध पीने वाले बच्चे रेडिमेड दूध पीने वालों की तुलना में ना सिर्फ सारी उम्र बीमारियों से मुक्त रहते है बल्कि मां का दूध बचपन में ही बच्चे का मानसिक स्तर भी तय कर देता है।


गर्भवती हैं तो प्रोटीओमेगा को कीजिए आहार में शामिल

मां का दूध और बच्चे का दिमाग
मां का दूध पीने वाले बच्चे मानसिक तौर काफी तेज होते हैं। शुरुआती 1 साल तक सिर्फ मां का दूध पीने से बच्चों की समृति, सोचने-समझने की क्षमता, कैचिंग पॉवर और अन्य कई तरह से बच्चे दिमागी तौर पर काफी तेज होते हैं। एक नए शोध के अनुसार सामने आया है कि जिन बच्चों ने मां का दूध पीया होता है वह डिप्रेशन की बीमारी के कम शिकार होते हैं।

बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा

मां के दूध में पोषक तत्व
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बच्चा धरती पर कदम रखने के साथ ही मां के दूध के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट और कैल्शियम के साथ ही कई पोषक तत्वों से जुड़ जाता है। यह बच्चे के लिए एंटीबायोटिक का कार्य भी करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मां का दूध पीन से बच्चे कुपोषण और लकवा जैसे बीमारियों से कोसो दूर रहते हैं। जो अक्सर बच्चों को बचपन में ही घेरने का प्रयास करती है।


मां के लिए भी है फायदेमंद
मां द्वारा अपने शिशु को दूध पिलाना जितना बच्चे के लिए फायदेमंद होता है उतना ही यह मां के लिए भी होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान मां का बढ़ा हुआ कम वजन कम होता है। चिकित्सकों की माने तो शिशु को दूध पिलाने से मां की प्रतिदिन 500 कैलोरी खर्च होती है। इसके साथ ही मां ब्रेस्ट कैंसर, वजन बढ़ना, हॉर्मोंस और मेटाबॉलिक सिंड्रोम नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही मां कई तरह की बीमारियों से मुक्त रहती है।

Saturday, July 30, 2016

बोरिक एसिड बन रहा है आपके लिए जानलेवा!


बोरिक एसिड ऐसा सूक्ष्म तत्व है जिसका प्रयोग अधिकतर पौधों और खाने की चीजों को कीड़े मकोड़ों और फंगस के प्रभाव से बचाने से लिए किया जाता है। लेकिन आजकल व्यापारी अपने माल को बचाने के लिए हर चीज में बोरिक एसिड का इस्मेमाल कर रहे हैं। व्यापारी पैसों के लालच में इतने अंधे हो जाते हैं कि उन्हें ये डर भी नहीं रहता कि बोरिड एसिड का इस्मेमाल आटे, चावल जैसे खाद्य पदार्थों में करने पर हमारी सेहत के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है।


आपको अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करवाना है या नहीं यह सोचना आपके हाथ में है। क्यों​कि आजकल हर चीज के साथ मिलावट की जा रही है। इसलिए हम आपको यही सलाह देेंगे कि आप खुद को बीमारियों से बचाने के लिए अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्वों को इस्तेमाल करें। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्मेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6 के साथ ही ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ ही आपको हर तरह की बीमारियों की चपेट में आने से बचाते हैं।

मुंह की बदबू कर रही हो शर्मिंदा तो, अपनाएं ये


आप चाहे कितने भी खूबसूरत हैं अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो वो आपकी पर्सनेलिटी पर ऐसा धब्बा लगाती है कि सामने वाला आपके पास आने से दूर भागता है। ऐसे लोगों में आत्वविश्वास होना तो दूर ये ना तो कभी अपने पार्टनर के साथ रोमांटिक बातें कर सकते हैं और ना ही कभी आॅफिस में चार आदमियों के साथ बैठकर मीटिंग कर सकते हैं।

आमातौर पर 40 साल से ऊपर के लोगों को मुंह से बदबू आने की शिकायत रहती है, लेकिन आजकल खराब खानपान और तनाव भरा जीवन के चलते युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं। दूषित और ज्यादा ​तला-भुना खाना खाने से गंदा तेल हमारे फेफड़ों में जमा हो जाता है और हमारा पाचन तंत्र भी ठीक से काम करना बंद देता है। जिसके चलते पेट में जमा हुआ यह खाना हमारे मुंह से बदबू के द्वारा बाहर निकलता है।


इसलिए अगर आप मुंह से आने वाली बदबू से छुटकारा पाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने खाने में प्रोटीन को शामिल कीजिए। इसके लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारे पेट और शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ रखते हैं। जब आप स्वस्थ होंगे तो आपके मुंह से कभी बदबू नहीं आ सकती है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या किसी भी शेक्स के साथ लेकर आप मुंह से बदबू जैसी शर्मनाक बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।

8 घंटे कम्प्यूटर के आगे बैठने से होती है ये बीमारी


आजकल कम्प्यूटर के आगे बैठकर काम करना एक ट्रेंड सा हो गया है। बच्चे से लेकर बड़े तक हर कोई अपना आधे से ज्यादा वक्त कम्प्यूटर और लैप्टॉप के आगे वक्त बिताते हैं। ये तो सभी को पता होता है कि कम्प्यूटर के आगे ज्यादा देर बैठकर काम करने से हमें कई तरह की बीमारियां होती है। जिसमें सबसे पहले मोटापा आता है। लेकिन मोटापे के अलावा भी एक ऐसा रोग है जो लगभग 70 फीसदी उन लोगों में पाया जाता है जो कम्प्यूटर के आगे 8 घंटे लगातार बैठकर काम करते हैं। इस रोग को नेत्र रोग कहते हैं।


जी हां, 8 घंटे कम्प्यूटर के आगे बैठने से आंखों का कमजोर होना, आंखों के नीचे काले घेरे पड़ना, धुंधला दिखाई देना, बीच बीच में चक्कर आना और नींद ना आना आम बातें हो जाती है। ऐसी स्थिति के लिए कई चीजें जिम्मेदार होती है, जिसमें से एक हमारा खानपान भी है। अगर कोई व्यक्ति अपना खानपान हेल्दी रखता है तो कम्प्यूटर उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

अगर आप भागदौड़ और व्यस्त जिंदगी के चलते प्रोटीन और पोषक तत्वों को सेवन नहीं कर पा रहे हैं तो आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। इस सप्लीमेंट के इस्तेमाल से आपके शरीर में हेमाग्लोबिन का स्तर सामान्य रहने के साथ ही आपके शरीर में ब्लड प्रेशर लेवल और आयरन की मात्रा भी संतुलित रहेगी।


ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित रखते हैं और हमारी आंखों की रोशनी तेज होती है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या किसी भी शेक्स के साथ लेने से आप आंखों की रोशनी तेज कर सकते हैं।

जानिए, हॉर्मोन को संतुलन रखना क्यों होता है जरूरी?


आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई और अनियमित खानपान की वजह से व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य बिगड़ता है और हॉर्मोन्स में अनियमितता आती है। जिसके चलते पुरुषों में सबसे पहले टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में अस्थिरता आने लगती है।  इसके साथ ही वजन का बढ़ना और घटना भी आम बात हो जाती है।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर

अगर इंसान के हॉर्मोन बैलेंस नहीं है तो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि हॉर्मोन का सीधा संबंध हमारी सेक्स की क्षमता, रक्त संचरण, मांसपेशियों के विकास के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसी भागदौड़ भरी जिंदगी में विशेष रूप से अपने खानपान पर ध्यान रखें।


आजकल खाने से लेकर पहनने-ओड़ने तक सभी चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। जिसमे प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे हॉर्मोन्य बैलेंस होने के साथ ही हम तनाव रहित होते हैं।

जानिए, हॉर्मोन को संतुलन रखना क्यों होता है जरूरी?


आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में आर्थिक दबाव, बढ़ती महंगाई और अनियमित खानपान की वजह से व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है। जिसके चलते उसका स्वास्थ्य बिगड़ता है और हॉर्मोन्स में अनियमितता आती है। जिसके चलते पुरुषों में सबसे पहले टेस्टोस्टेरॉन और महिलाओं में एस्ट्रोजन हॉर्मोन में अस्थिरता आने लगती है।  इसके साथ ही वजन का बढ़ना और घटना भी आम बात हो जाती है।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर

अगर इंसान के हॉर्मोन बैलेंस नहीं है तो वह कभी स्वस्थ नहीं रह सकता है। क्योंकि हॉर्मोन का सीधा संबंध हमारी सेक्स की क्षमता, रक्त संचरण, मांसपेशियों के विकास के साथ साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति को प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसी भागदौड़ भरी जिंदगी में विशेष रूप से अपने खानपान पर ध्यान रखें।


आजकल खाने से लेकर पहनने-ओड़ने तक सभी चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए ऐसी स्थिति में जरूरी है कि आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। क्योंकि इसमें प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके इस्तेमाल से हमारे हॉर्मोन्य बैलेंस होने के साथ ही हम तनाव रहित होते हैं।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं पी रहे दूध के नाम पर 'जहर'


दूध अपनी शुद्धता और पवित्रता के लिए जाना जाता है। लेकिन आपको यह कड़वा सच मानना ही पड़ेगा ​कि आप और आपके बच्चे दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि हमारी देश की केंद्र सरकार और चेकिंग एजैंसियों का कहना है। हाल ही में एक केंद्र मंत्री ने लोकसभा में कहा था कि देश में बिकने वाले लगभग 68 प्रतिशत दूध के साथ मिलावट की जा रही है। ऐसे में अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि आपका दूध कितना प्योर है।


ऐसे होती है दूध में मिलावट
गाय और भैंस दोनों के दूध की अपनी खासियत होती है। गर्मियों में गाय भैंसों के मुकाबले में कम दूध देती है। बावजूद इसके बाजारों में गाय का दूध गर्मियों में भी पर्याप्त मात्रा में मिलता है। दूध में सबसे ज्यादा पानी की मिलावट की जाती है। इसके बाद इसे गाढा और प्राकृतिक सफेद रंग और झाग देने के लिए डिटर्जेंट पाऊडर, कास्टिक सोडा और यूरिया मिलाए जाते हैं।

जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती तो अंत में इसमें न्यूट्रलाइजर मिलाया जाता है ताकि दूध में खटास पैदा न हो। जब हम इस दूध का सेवन करते हैं तो पेट के साथ ही हम मानिसक तौर पर भी कमजोर होते हैं। यह दूध सीधा हमारी आतों और लीवर को प्रभावित करता है। ऐसे मिलावटी दूध का ज्यादा समय तक सेवन करने से मौत भी हो सकती है।


असली दूध मतलब प्रोटीओमेगा
आमतौर पर बाजारों में मिलने वाले दूध में 85 फीसदी पानी और सिर्फ 15 प्रतिशत दूध की मात्रा होती है। ऐसे मिलावट खोर समय में हम आपको सलाह देंगे कि आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। क्योंकि इसमें न्यूजीलैंड की गाय के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन को मिलाया गया है। इसके साथ ही इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, राइबोफ्लेविन (विटामिन बी-2), फाइबर, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सबसे बड़ी बात यह है प्रोटीओमेगा में शामिल प्रोटीन ऐंटिबॉडीज के रूप में काम करता है और हमारा शरीर में इन्फेक्शन होने से बचाता है। प्रोटीओमेगा हमारे शरीर में दूध की कमी को पूरा करता ही है साथ ही यह आजकल के भागदौड़ भरे समय में हमें आंतरिक शक्ति और ऊर्जा भी प्रदान करता है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के मिलाकर लिया जा सकता है।

Friday, July 29, 2016

पेट की समस्या से हैं परेशान, तो आजमाएं प्रोटीओमेगा


तनाव भरा जीवन, अनियमित और दूषित खानपान के चलते पेट फूलना और कांस्टीपेशन की बीमारी होना कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन गंभीर बात यह है कि पेट फूलना और कांस्टीपेशन जैसी बीमारियां अकेले नहीं बल्कि अपने साथ कई तरह की बीमारियां साथ लाती हैं। सबसे शर्मिंदगी की बात तब होती है जब आपको बीच-बीच में मजबूरन वॉशरूम जाना पड़ता है।


क्या है इसका उपाय?
अगर इंसान का पेट सही नहीं है तो उसे पूरी तरह से अस्वस्थ कहने में कोई दोराय नहीं है। क्योंकि पेट से ही सभी बीमारियों का उद्भव होता है। इसलिए जरूरी है आप स्ट्रीट फूड या फिर दूषित खानपान को जितना जल्दी हो सके छोड़ कर अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें। इसके लिए आप  Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्तेमाल कर सकते हैं।

इससे आपकी पेट से संबंधित सभी बीमारियां दूर होने के साथ ही आपका लीवर, किडनी और आंते सभी स्वस्थ रहेंगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो से संबंधित सभी बीमारियों के लिए रामबाण है। इसे पानी, दूध या​ फिर किसी भी शेक्स के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

बरसात में ज्यादातर होती हैं ये बीमारियां, ऐसे करें बचाव


बरसात को बीमारियों का घर कहा जाता है। बरसात आते ही साफ-सफाई और स्वच्छ जल ​के अभाव में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जिसके चलते जरा सी लापरवाही बरतते ही हम बीमार पड़ जाते हैं। बरसात के मौसम में गंदे और दूषित पानी का सेवन करने से सबसे ज्यादा टाइफाइड, पीलिया, डायरिया, उल्टी, दस्त, बुखार, मलेरिया, कॉलरा और किडनी इंफेक्शन जैसी घातक बीमारी होती है। इसलिए ऐसे मौसम में जरूरी होता है कि हम अपने खानपान पर गंभीर रूप से ध्यान दें।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं ले रहे आर्टिफिशल स्वीटनर


अगर आप की व्यस्त जीवनशैली और अनयिमित खानपान को अपना रहे हैं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने आहार में साफ पानी और प्रोटीन के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को शामिल करें। प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो ऐसे मौसम में बीमारियों से लड़ने में आपकी मदद करेगा और आपके लीवर को मजबूत होगा।

सावधान! कहीं आप भी तो नहीं ले रहे आर्टिफिशल स्वीटनर?


व्यस्त जीवनशैली और अनियमित खानपान के चलते अक्सर लोग यह सोच पर सप्लमेंट लेते हैं ताकि उनके शरीर में प्रोटीन की मात्रा कम ना हो। लेकिन कई बार हम लोग जानकारी के अभाव में गलत चीजों का चयन कर लेते हैं। क्या आप जानते हैं कि आजकल मार्किट में बिजनेस को लेकर इतनी होड़ है कि व्यापारी टेस्ट बढ़ाने के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने में जरा भी नहीं कतराते हैं?

 क्या आप जानते हैं आजकल बाजार में लगभग आधे से ज्यादा ऐसे सप्लीमेंट और स्वीटनर मिल रहे हैं जिनमें सिर्फ कैमिकल और आर्टिफिशल स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाता है? अगर आप अब यह सोच रहे हैं कि यह खबर आपके लिए नहीं है क्योंकि आप तो हमेशा ब्रेंडिड उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपकी गलतफहमी है। क्योंकि मिलावट सिर्फ रोड छाप या नकली चीजों के साथ ही नहीं बल्कि कई बार ब्रेंडिड चीजों में भी देखने को मि​लती है। बस फर्क यह होता है इसे हम लोग मानते नहीं हैं।


क्या है इनके दुष्प्रभाव
आर्टिफिशल स्वीटनर को डॉक्टरों की भाषा में सफेद जहर कहा जाता है। जिसके चलते सेहत बनाने के नाम पर ऐसे सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने पर हम या हमारे बच्चे ना सिर्फ बाहरी तौर से बीमार पड़ते हैं बल्कि ऐसे सप्लीमेंट हमारी आंते और लीवर तक को खोखला कर देते हैं।

प्रोटीओमेगा है सही विकल्प
अगर आप समय पर खाना खा पाने में अक्सर असमर्थ रहते हैं तो इस स्थिति में बहुत़ जरूरी है कि आप अलग से प्रोटीन लें। Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट आपकी इस समस्या का हल है। यह एक ऐसा सप्लीमेंट है जिसमें प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3, ओमेगा- 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व भी मौजूद हैं। यह सप्लीमेंट ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो आपके लीवर को मजबूत करने के साथ ही आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है।


प्रोटीओमेगा की खासियत यह है कि यह सभी साइंटिफिक लैब द्वारा प्रमाणित है कि इसमें किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। प्रोटीओमेेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप अपने लीवर सहित पूरे शरीर को उम्रभर के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

गर्भवती हैं तो प्रोटीओमेगा को कीजिए आहार में शामिल


गर्भवती होने के दौरान एक महिला को जिस चीज का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए वह है उसका खानपान। क्योंकि खानपान ही वह एकमात्र स्त्रोत है जिससे ना सिर्फ आप बल्कि आपका आने वाला शिशु भी स्वस्थ और विकसित पैदा होता है। आज के समय में ज्यादातर महिलाएं वर्किंग हैं। जिसके चलते वह सिर्फ लास्ट के सातवें, आठवें और नवें महीने में ही आॅफिस से लीव लेती हैं। ​ऐसे में भागदौड़ भरी जिंदगी में अयनियमित खानपान और आहार में प्रोटीन की कमी होना आम बात हो जाती है।


अगर आप भी गर्भावस्था के दौरान कुछ इसी तरह की जीवनशैली अपना रही हैं तो यह आपके आने वाले शिशु के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। क्योंकि आपके खानपान का सीधा असर आपके शिशु पर पड़ रहा है। इसलिए जरूरी है कि आप  Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को लेना शुरू करें।

इसमें प्रोटीन, ओमेगे-3, ओमेगा-6, फाबर, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व हैं जिन्हें गर्भावस्था के ​दौरान लेना जरूरी होता है। सबसे अच्छी बात यह है कि व्यस्त जीवन के दौरान प्रोटीओमेगा को लेकर आप पूरी तरह से प्रोटीन का सेवन कर सकती हैं। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जा सकता है।

Thursday, July 28, 2016

#ORSDAY : अक्सर डायरिया बनता है शिशुओं की मौत का कारण!


आज अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर #ORSDAY मनाया जा रहा है। इन खास दिन को मनाने का मकसद शिशुओं को कुपोषण और डायरिया की चपेट से बचाना और समाज में जागरुकता फैलाना है। दरअसल, जब शरीर में पानी और लवण की कमी होने लगती है तो डायरिया हो जाता है। यह इतना भयानक रोग है जो अगर एक बार बिगड़ गया तो इससे सीधा शिशु की मौत हो जाती है। डायरिया अक्सर 5 साल की उम्र से कम के शिशुओं को होता है।

बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा

पोषक तत्वों का अभाव
डायरिया अक्सर उन शिशुओं को होता है जिनकी मां गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में पर्याप्त प्रोटीन, आयरन, फाइबर और अन्य पोषक तत्व लेने से परहेज करती हैं। जिसके चलते शिशुओं का सम्पूर्ण विकास नहीं हो पाता और वह पैदा होते ही डायरिया जैसे जानलेवा बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। डायरिया चार तरह का होता है। क्रॉनिक डायरिया, एक्यूट इंटरेटाइटिस, गैस्टरोइंटरेटाइटिस और डिसेंट्री।


डायरिया अक्सर बरसात के मौसम में होता है। क्योंकि ऐसे मौसम में साफ सफाई का अभाव रहता है और गंदगी डायरिया होने का सबसे बड़ा कारण है। डा​यरिया होने का एक बड़ा कारण अज्ञानता का अभाव भी है। ज्यातादार लोगों को यह पता ही नहीं होता कि शिशुओं को पैदा होते ही दस्त और उल्टियां होने के क्या कारण हैं? जिसके चलते कई बार ऐसा होता है कि अभिभावक डायरिया के लक्षणों और कारणों को समझने के अभाव में अपने बच्चे को खो देते हैं। तो आइए हम आपको बताते हैं डायरिया के लक्षण, कारण और इससे बचाव।

क्या आप भी अक्सर कमजोरी और थकान महसूस करते हैं?

डायरिया होने के कारण
1) शरीर में पानी की कमी
2) गंदा पानी पीना
3) साफ-सफाई का अभाव
4) आंत की गड़बड़ी
5) खाने में प्रोटीन और पोषक तत्वों का अभाव
6) ज्यादा तैराकी करना
7) पाचन तंत्र कमजोर होना
8) किसी दवाई से रिएक्शन होना


डायरिया के लक्षण
1) जल्दी-जल्दी दस्त आना
2) पेट में दर्द होना
3) पेट में कुछ घूमने जैसा महसूस करना
4) उल्टी आना
5) चक्कर आना
6) तेज बुखार होना
7) कमजोरी महसूस होना
8) चिड़चिड़ा महसूस होना

मानसून में बढ़ती है कमजोरी, ऐसे बढ़ाएं ताकत

डायरिया से बचाव
ठंड से बचाव ना होने पर बच्चों को जल्दी डायरिया हो जाता है। ऐसी स्थिति में अगर बच्चों को तुंरत अच्छे अस्पताल ले जाया जाए स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। इसके साथ बच्चे और मां दोनों का साफ रहना भी बहुत जरूरी है। शुरुआती 1 साल ​तक शिशुओं का सिर्फ मां का दूध पिलाएं। इसके बाद अगर बच्चा कुछ खाता है तो ध्यान रखें कि वह प्रोटीन और पोषक तत्वों से लैस हो। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि बच्चे की शरीर में किसी की कीमत पर पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में डीहाईड्रेशन होने के चांस होते हैं।

ऐसे जानें आपका लीवर सही है या नहीं!

लीवर हमारे शरीर का जितना महत्वपूर्ण अंग है उतना ही यह संवेदनशील भी है। लीवर के खराब होते ही खाना पचाने में दिक्कतें आने के साथ ही हम कई तरह से बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं। दरअसल जब लोग जरूरत से ज्यादा मोटे या पतले होते हैं तो वह खुद को फिट रखने के सपने से बाजारों में मिलने वाले तरह-तरह के सप्लीमेंट इस्तेमाल करते हैं। जिसमें अक्सर अक्सर जरूरत से ज्यादा लेड और पोटैशियम की मात्रा होने के चलते हमारे लीवर को नुकसान होना शुरू हो जाता है।


लीवर को स्वस्थ रखने के लिए हमें एक हेल्दी डाइट की जरूरत होती है। जो आजकल भागदौड़ और अनियमित खानपान के चलते पूरी नहीं हो पा रही है। अगर आप ज्यादा व्यस्त रहते हैं और प्रोटीन की पहुंच से दूर हैं तो आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का प्रयोग कर सकते हैं।

इस सप्लीमेंट में ऐसे प्राकृतिक तत्वों का मिश्रण है जो लीवर को मजबूत करने में मदद करता है। इसके अलावा इस सप्लीमेंट में प्रोटीन के साथ ही ओमेगा- 3 और 6, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई पोषक तत्व भी मौजूद हैं। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप अपने लीवर को उम्रभर के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

मोटापा बढ़ने के इस कारण को जानकर हैरान रह जाएंगे आप!


आज के समय में हमारे देश में करीब 80 फीसदी लोग मोटापे से परेशान हैं। मोटापा ना सिर्फ आपकी पर्सनेलिटी को खराब करता है बल्कि यहीं से सभी बीमारियों की शुरुआत भी होती है। अक्सर लोेगों की शिकायत होती है कि तमाम प्रयासों के बावजूद उनका मोटापा नहीं घट रहा है।

मोटापे का सीधा कारण हमारा ​अनियमित खानपान, खराब जीवनशैली और तनाव भरा जीवन है। जी हां, ना सिर्फ तले-भुने खानपान बल्कि तनाव लेने से भी मोटापा बढ़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने आहार में अधिक से अधिक मात्रा में प्रोटीन और फाइबर को शामिल करेंं।

क्या आप भी अक्सर कमजोरी और थकान महसूस करते हैं?


प्रोटीन के सेवन से हमें एनर्जी मिलती है और यह हमारे शरीर से एक्सट्रा फैट को कम करके हमारा मेटाबालिज्म बढ़ता है। प्रोटीन लेने के लिए आप Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन के साथ ही ओमेगा, आयरन, कॉर्बोहाइड्रेट, फाइबर और कई ऐसे तत्व मौजूद हैं जो आपके शरीर से एक्सट्रा फैट को बर्न करके एक सुडोल शरीर प्रदान करता है। इसकी खासियत यह है कि इसका सेवन करना बहुत आसान है। प्रोटीओमेगा को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रह सकते हैं।

क्या आप भी अक्सर कमजोरी और थकान महसूस करते हैं?


कमजोरी, थकान और तनाव होना आज के समय में लगभग हर किसी की शिकायत रहती है। अक्सर हम लोग इसे अपने काम और प्रैसर से जोड़ते हैं, जबकि शरीर में कमजोरी और थकान महसून होना पूरी तरह से हमारे खानपान और शरीर के आराम पर निर्भर करता है।

घरेलू महिलाएं अक्सर घर का काम और घर के सदस्यों की मांगे पूरी करने में रह जाती है। सुबह से शाम तक सबके काम करते-करते वह खुद की सेहत पर ध्यान देना भूल जाती है और अनियमित खानपान की आदि हो जाती है।

इसलिए आजकल ज्यादा हो रहा है फेफड़ों में कैंसर


कमजोर का इलाज सिर्फ प्रोटीओमेगा
कमजोरी से निजात पाना और स्वस्थ रहने का सबसे अच्छा और सरल तरीका है आप अपने खानपान में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन और फाइबर को शामिल करें। लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय नहीं है कि वह प्रोटीन की तलाश करें। इसलिए हम आपको Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट के बारे में बता रहे हैं। इसमें प्रोटीन और ओमेगा के साथ ही ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो आपकी मांसपेशियों को अंदर से मजबूत करने के साथ आपको एक स्वस्थ शरीर प्रदान करते हैं।

प्रोटीओमेगा का सेवन करना भी बहुत आसान है। इसे पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ मिलाकर लिया जाता है। सिर्फ 5 मिनट में प्रोटीओमेगा का सेवन पर आप शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रह सकते हैं।

इसलिए आजकल ज्यादा हो रहा है फेफड़ों में कैंसर

फेफड़ों में कैंसर होने का मतलब है इंसान की जिंदगी के उल्टे दिन शुरू होना। सबसे बड़ी बात यह है कि फेफड़ों में कैंसर होने पर इसके लक्षण काफी समय बाद दिखाई देते हैं। इसलिए कई बार इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। अगर हम फेफड़ों में कैंसर के कारणों की बात करें तो इसके लिए सीधे तौर पर हमारा खानपान और नशीले पदार्थों का सेवन जिम्मेदार होता है। जब सीने में तरल पदार्थ जमा होने लगता है तो फेफड़ों में कैंसर होना शुरू हो जाता है।

नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर

फेफड़ों में कैंसर होने के लक्षण
1) सांस लेने में तकलीफ होना
2) अक्सर सिर में दर्द रहना
आवाज का फटना
4) खांसी में खून आना
5) वजन में निरंतर कमी आना और भूख ना लगना
6) सांस लेने पर सीटी जैसी आवाज सुनाई देना
7) सीने के साथ-साथ पीठ और कंधों में भी दर्द महसूस होना
8) थोड़ा सा चलने पर अधिक थकान महसूस होना

#World Hepatitis Day: कहीं आप भी तो नहीं हेपेटाइटिस के शिकार?


प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट
आज के समय में पढ़ाई या आॅफिस के काम के चलते अक्सर लोग तनाव महसूस करते हैं। जिससे उनका खानपान बिगड़ता है और वह कुछ देर के सुख के लिए धूम्रपान करते हैं। अगर आप फेफड़ों में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचना चाहते हैं तो आप अपने आहार में  Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को जरूर शामिल कीजिए।

इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6 और फाइबर के साथ कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो फेफड़ों में कैंसर से लड़ने में प्राकृतिक तौर पर आपका साथ देंगे। डॉक्टर भी ऐसे कैंसर से लड़ने के​ लिए अधिक से अधिक प्रोटीन और फाइबर का सेवन करने की सलाह देते हैं। इसकी खासियत यह है कि इसमें किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। 

नाइट शिफ्ट में काम करने से पुरुषों में भी होता है बेस्ट कैंसर!


कैंसर नाम सुनते ही हमारे मस्तिष्क में मौत की घंटी बजने लग जाती हैै। ब्रेस्ट कैंसर भी कुछ इसी तरह के जानलेवा कैंसरों में से एक है। मौजूदा वक्त में भारत में करीब 25 से 30 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हैं। यह बात सच है कि अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर के मामले महिलाओं में पाए जाते हैं। लेकिन एक रिसर्च के अनुसार अब पुरुष में भी ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखने लगे हैं। वैसे खुशी की बात यह है कि ब्रेस्ट कैंसर उन कैंसरों की श्रेणी में शुमार है जिसका निपटारा जल्दी हो जाता है। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने के चांस तब ज्यादा बढ़ जाते हैं जब उनके शरीर में बैड एस्ट्रोजेंस और हानिकारक टॉक्सिसन्स का निर्माण ज्यादा होने लगता है।

क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर?
भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित खानपान मामूली बीमारियों से लेकर कई गंभीर बीमारियों का कारण साबित हो रहा है। इसके अलावा इसका एक कारण जैनेटिक समस्या भी है। फास्ट फूड और प्रोटीन रहित आहार का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसलिए हम आपको यह सलाह देंगे कि आप खुद को अधिक से अधिक प्रोटीन से जोड़ें। इसके लिए आप  Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6 और फाइबर के साथ कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में प्राकृतिक तौर पर आपका साथ देंगे। डॉक्टर भी ऐसे कैंसर से लड़ने के​ लिए अधिक से अधिक प्रोटीन और फाइबर का सेवन करने की सलाह देते हैं।


ऐसे केस में ज्यादा होता है ब्रेस्ट कैंसर
1) मासिक धर्म का कम उम्र में शुरू होना
2)  देर से पहली बार मां बनना या कभी बच्चे ना होना
3)  हार्मोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी कराना
4)  पुरुष द्वारा शार्टकट तरीके से 6 पैक एप्स बनाना
5)  बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉड्स युक्त न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट का प्रयोग करना
6) शरीर में इन्सुलिन हार्मोन का हद-से-ज्यादा बढ़ना
7) नींद दिलाने वाले मेलाटोनिन हार्मोन का घटना
8) नाइट शिफ्ट में ज्यादा समय तक काम करना
9) प्रोटीन रहित खानपान
10) मासिक धर्म का देर में बंद होना (ऐसी स्थिति में अंडाशय, हार्मोन पैदा करना बंद कर देते हैं और शरीर की चर्बीवाली कोशिकाएं ईस्ट्रोजेन हार्मोन पैदा करती हैं। जिसके चलते मोटापे के कारण ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।)


प्रोटीओमेगा और ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर के लिए हम प्रोटीओमेगा के इस्तेमाल पर इसलिए जोर दे रहे हैं क्योंकि इस प्रोटीन युक्त सप्लीमेंट में प्रा​कृतिक औषधी रोजमेरी की प्रचुर मात्रा पर्याप्त है। जो ना सिर्फ ब्रेस्ट कैंसर बल्कि प्रोस्टेट कैंसर, कोलोन कैंसर, ल्यूकेमिया और स्किन कैंसर से भी बचाने में मदद करता है। इसके अलावा रोजमेरी में पोटेशियम, कॉर्बोहाड्रेट, आयरन, कैल्शियम, मैग्नेशियम, विटामिन A, B6, B12, C, D आदि पर्याप्त मात्रा में होते हैं।इतना ही नहीं इसमें एन्टी-इन्फ्लैमटॉरी गुण भी होता है जो ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने में मदद करते हैं।

Wednesday, July 27, 2016

#World Hepatitis Day: कहीं आप भी तो नहीं हेपेटाइटिस के शिकार? पढ़ें ये रिपोर्ट

हेपेटाइटिस डे के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए आज यानि कि हर 28 जुलाई को अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर #वल्र्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। हेपेटाइटिस होने का सीधा संबंध हमारे लीवर से है। अगर लीवर कमजोर पड़ गया या लीवर में सूजन आ गई तो हेपेटाइटिस की गिरफ्त में आने में देर नहीं लगती है। इसलिए इस रोग को चलती-फिरती मौत भी कहा जाता है। हेपेटाइटिस के मुख्यतः पांच तरह के वाइरस पाए जाते हैं जिसमें टाइप ए, बी,सी,डी और ई हैं।

हेपेटाइटिस को लेकर पिछले साल डब्लूएचओ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि सिर्फ भारत में ही 2 से 5 फीसदी लोग हेपेटाइटिस वाइरस की चपेट में हैं। यही नहीं संगठन ने आशंका जताई है कि आने वाले कुछ समय बाद विश्वभर में लगभग 150 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में होंगे।


क्या है हेपेटाइटिस
हेपेटाइटिस मुख्यत: संक्रमण की बीमारी है। यह इसलिए भी अधिक घातक है क्योंकि यह शरीर में प्रवेश करने से पहले कोई लक्षण नहीं दिखाती है, और जब इस रोग के बारे में पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। क्योंकि उस वक्त लीवर खराब हो चुका होता है। सिर्फ खून टेस्ट या कुछ गिने चुने लक्षणों से ही इस रोग को पहचाना जा सकता है। आइए हम आपको हेपेटाइटिस के लक्षण और कारणों से रूबरू कराते हैं।

हेपेटाइटिस के लक्षण
1) लीवर में सूजन आना
2) शरीर और पेशाब का रंग पीला होना
3) अक्सर पेट में दर्द होना और भूख ना लगना
4) हल्का बुखार और जोड़ों में दर्द
5) पेट और सिर में दर्द होना
6) उल्टी आना, जी मचलना और कमजोरी महसूस होना


हेपेटाइटिस के कारण
1) दूषित खाना खाना
2) साफ सफाई का अभाव
3) असुरक्षित सेक्स करना
4) हेपेटाइटिस बी से संक्रमित सुई, ब्लेड या किसी अन्य उपकरण का प्रयोग करना
5) गर्भावस्था के दौरान मां से शिशु में फैलना
6) बीमारी से पीड़ित मरीज का टूथ ब्रश इस्तेमाल करना


विशेष— हेपेटाइटिस वाकई में बहुत जानलेवा रोग है। इसकी चपेट में आने से बचने के लिए सफाई रखें, हाथ धोकर खाना खाएं और अपने बच्चों को बाहर से आकर हाथ-मुंह धोने के लिए कहें। इस रोग से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि महीने में एक बार अपने परिवार सहित खुद का ब्लड टेस्ट कराएं। हेपेटाइटिस की जांच ब्लड टेस्ट से सबसे अच्छी होती है। अच्छी बात यह है हाथ मिलाने, खांसी या फिर छिकने से यह रोग नहीं फैलता है।

बीमारियों से रहना है दूर तो बदलिए लाइफस्टाइल


आधे से ज्यादा बीमारियों की चपेट में हम अपने खराब लाइफस्टाइल की वजह से आते हैं। यानि कि लगभग आधे से ज्यादा बीमारियों के लिए हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं। इसलिए बीमारी के वक्त मौसम या किसी और चीज को कोसना बंद कीजिए। कैसे? वो ऐसे कि हमारे खानपान का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि हम दूषित और अनियमित खानपान को अपनाएंगे तो 99 प्रतिशत हमारा बीमार पड़ता लाजमी है।

लाइस्टाइल बीमारियां
लाइस्टाइल बीमारियां यानि कि जैसे इन दिनों मानसून का मौसम चल रहा है। अगर हम ऐसे मौसम में ज्यादा फास्ट फूड और गंदा खाना खाएंगे तो हमें वायरल बुखार, पीलिया, हैजा, कमजोरी, मोटापा और टाइफाइड जैसे रोग निश्चित तौर पर लगेंगे।

प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट
इन सब से बचने का सबसे अच्छा माध्यम है कि हम एक हेल्दी डाइट अपनाएं और अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन को शामिल करें। प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा और कई पोषक तत्वों से बना Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट आपको लाइफस्टाइल बीमारियोंं से बचाने के साथ ही आपको एक स्वस्थ शरीर प्रदान कर सकता है। इस सप्लीमेंट की खासियत यह है कि यह हमारे पेट में फंसें गंदे मल को एनस के द्वारा बाहर निकाल देता है और हमको एक स्वस्थ शरीर प्रदान करता है। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लिया जा सकता है।

स्वस्थ शरीर और चमकती हुई त्वचा देता है प्रोटीओमेग


त्वचा की देखभाल हर उम्र में जरूरी होती है। अक्सर महिलाएं चाहती हैं कि वह हेल्दी स्किन के साथ ही स्वस्थ भी रहें। ताकि उनके चेहरे पर आने वाला निखार प्राकृतिक दिखें। लेकिन व्यस्त लाइफस्टाइल और खराब खानपान के चलते यह मुमकिन हो पाना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।


प्रोटीओमेगा
अगर खाने में प्रोटीन को शामिल किया जाए तो आप स्वस्थ रहने के साथ ही चमकती हुई त्वचा भी हासिल कर सकते हैं। प्रोटीन की सही मात्रा का सेवन करने के लिए आप बाजारों में मिलने वाले कैमिकल युक्त पदार्थों का सेवन करने के बजाय प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का सेवन कर सकते हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा और कई ऐसे पोषक तत्व मिले हुए हैं जो आपकी स्किन को भीतर से सही करेंगे। जिससे आपको अपने चेहरे पर कुछ ही समय में गुलाब की पत्तियों की तरह निखार दिखने लगेगा।

प्रोटीओमेगा से चुटकी भर में दूर होता है सिर दर्द


मौजूदा समय में चाहे बुजुर्ग हो या युवा हर कोई अपने अनियमित खानपान के चलते सिर दर्द जैसे भयानक रोग से रात-दिन जूझता है। सिर दर्द ऐसा रोग है जो दिखता तो मामूली है लेकिन इसका पीड़ित ही जानता है कि उसके लिए एक-एक पल काटना कितना मुश्किल होता है। जब सिर दर्द अपनी सीमा पार कर देता तो यह माइग्रेन और डिप्रेशन का रूप लेकर जानलेवा साबित भी हो जाता है। अक्सर सिर दर्द प्रोटीन की कमी और दूषित खानपान के चलते शरीर में होने वाली कमजोर से होता है। इसलिए अगर हम अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें तो हम सिर दर्द को जड़ से खत्म कर सकते हैं।


प्रोटीन मतलब प्रोटीओमेगा
Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा ऐसा सप्लीमेंट है जिसमें प्रोटीन, आमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ कई ऐसे प्राकृषिक पोषक तत्वों का मिश्रण है जो सिर दर्द जैसी घातक बीमारी पर लगाम कसने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन और ओमेगा भारी मात्रा में पर्याप्त है, जिसका सेवन करना आजकल के भागदौड़ और व्यस्त जीवन में सबके लिए जरूरी है। इसे पानी, दूध, शेक्स या फिर किसी भी तरलीय पदार्थ के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

थाइराइड से छुटकारा दिलाता है प्रोटीओमेगा, रखता है स्वस्थ


वर्तमान समय में अति व्यस्त, तनावपूर्ण जीवनशैली और दूषित खानपान के कारण मानो लोगों का बीमारियों के साथ रिश्ता सा जुड़ गया है। अनियमित और प्रोटीन रहित खानपात के चलते होने वाली बीमारियों में थाइराइड नामक जानलेवा बीमारी भी शामिल है। थाइराइड उन गंभीर बीमारियों में से एक है जिसकी चपेट में आते ही पीड़ित को जीवन से ज्यादा मौत प्यारी लगने लगती है।

क्या है थाइराइड
थाइराइड ऐसी बीमारी है जो गर्दन और स्वर तंत्र की तरफ तितली के आकार में होती है। हालांकि थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। यह रोेग लगते ही वजन का बढ़ना और कम होना, बालों का झड़ना, महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता आना, थकान महसूस होना और डिप्रेशन जैसे खतरनाक लक्षण शामिल हैं। यह रोग महिलाओं में अधिक घर करता है।


कैसे बचें इससे
लगभग 99.9 बीमारियां हमारे खानपान पर निर्भर करती हैं। जब तक हम अपने खानपान में प्रोटीन की अधिक से अधिक मात्रा को शामिल नहीं करेंगे तक हम किसी भी कीमत पर स्वस्थ नहीं रह सकते। लेकिन व्यस्त जीवनशैली होने के चलते किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि वह प्रोटीन के पीछे भागे।

इसलिए हम आपकी इस समस्या को दूर करने के लिए आपको Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट से रूबरू करा रहें हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, आमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ कई ऐसे प्राकृषिक पोषक तत्वों को मिश्रण है जो थाइराइड जैसी लाखों जानलेवा बीमारियों के लिए रामबाण साबित हो चुका है।


थाइराइड के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा ही क्यों?
अगर आप या आपके कोई परिजन थाइराइड के पीड़ित हैं और आप डॉक्टर से उनके लिए आहार तालिका बनाएंगे तो वो आहार तालिका में विटामिन, प्रोटीन और फाइबरयुक्त आहार का ज्यादा मात्रा में सेवन करने के लिए कहेंगे। जो कि Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में पर्याप्त है। इसकी खास बात यह है कि इस सप्लीमेंट में 0.1 प्रतिशत भी किसी कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। इसे किसी भी तरलीय पदार्थ जैसे पानी, दूध या शेक्स के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।