Thursday, August 4, 2016

#ब्रेस्टफीडिंग से मां और शिशु के बीच बनता है ये रिश्ता



ब्रेस्टफीडिंग मां और शिशु के बीच एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिससे शिशु ना सिर्फ मां का दूध पीकर पेठ भरतस है बल्कि इस प्रक्रिया के चलते मां और बच्चे के बीच एक गहरा रिश्ता भी स्थापित होता है। जी हां, यह कोई दादी-नानी की कही बात नहीं बल्कि मेडिकल साइंस ने भी इस बात पर अपनी मुहर लगाई है। आज अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जा रहे ब्रेस्टफीडिंग वीक का चौथा दिन है। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ब्रेस्टफीडिंग से मां और शिशु के बीच रिश्ता कैसे गहरा होता है?


साइंस की माने तो जब एक मां अपने शिशु को दूध पिलाती है तो इस दौरान मां और शिशु दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते हैं। महज 2 सप्ताह का बच्चा भी स्तनपान करते वक्त यह महसूस करने लगता है कि यह जो भी है बहुत खास है। हालांकि इस स्टेज में शिशु को यह नहीं पता होता कि यह उसकी मां है। वह सिर्फ स्तनपान करते वक्त उस महिला पर अटूट विश्वास करने लगता है। कई केसों में ऐसा भी देखा गया है कि ऐसे बच्चे अपनी मां से उम्रभर पर बेहद प्यार करते हैं।

यहीं हम आपको यह भी बताएंगे कि जो महिलाएं अपना फिगर खराब होने के डर से अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग की जगह बोतल का दूध पिलाती है उनके बीच यह अनोखा रिश्ता नहीं बन पाता है।

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