क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Monday, July 11, 2016

जानें, प्रेग्नेंसी में आम का सेवन फायदेमंद है या नहीं


इन दिनों फलों के राजा आम का सीजन है। मौसमी फल होने के चलते हर कोई इसका लुत्फ उठा रहा है। अगर हम गर्भवती महिलाओं की बात करें तो वह अपने स्वास्थ्य और शिशु के बेहतर पोषण के​ लिए अपने खानपान पर विशेष ध्यान देती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाएं ज्यादा से ज्यादा फलों और हेल्थी व्यंजनों का चयन करती हैं। ऐसे में अगर हम आम की बात करें कि आम खाना गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद है या नहीं, तो यह बिल्कुल फायदेमंद होगा। आम खाना गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए ही बहुत अच्छा होगा। दरअसल, आम में फोलिक एसिड पाया जाता है। जो शिशु के विकास के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है।


सबसे बड़ी बात यह है कि गर्भावस्था के दौरान बहुत कम महिलाओं का मीठा खाने का मन करता है। ऐसे में आजकल के मौसम में जिन महिलाओं का मीठा खाने का मन करता है उनके लिए आम एक बेहतर विकल्प है। साथ ही आम को पचाना भी बहुत आसान होता है और मोटापा भी नहीं होता। आइए जानते हैं गर्भावस्था में आम खाना किन मायनों में अधिक फायदेमंद है—


- आम में विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी6, पोटेशियम, फायबर और फालिड एसिड पाया जाता है। ये सभी तत्व गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है। इससे महिलाओं का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है।
- आम हमारे पाचन तंत्र को काफी ऊर्जा देता है। साथ ही आम कब्ज की ​बीमारी से भी निजात दिलाता है।
आम में पाया जाने वाला विटामिन ए भ्रूण का भरपूर विकास करने में मदद करता है।
- गर्भवती होने के दौरान हर महिला को काफी मात्रा में आयरन की जरूरत होती है। और आम में खासा आयरन होता है।
- विटामिन ए महिलाओं की आंखों और त्वचा के लिए बेहतर होता है।

विशेष
- जब भी बाजार में आम खरीदने जाएं तो ध्यान रखें कि आम प्राकृतिक रूप से पके हुए हो। रसायनों द्वारा पके हुए आमों को पूरी तरह नजरअंदाज करें।
- अगर आप डायबीटिज के मरीज हैं तो आम को ना खाएं। क्योंकि इसमें काफी मात्रा में कैलोरी होती है।

Monday, July 4, 2016

​गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है जीका वायरस

विदेशों में जीका वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारतीय यूनियन हेल्थ मिनीस्ट्री ने भी इसके खतरे पर हरी झंडी दिखा दी है। जीका वायरस को लेकर मंत्रालय से आए ताजे अपडेट में कहा गया है कि वैसे तो हर वर्ग के लिए लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए जीका सबसे ज्यादा खतरनाक है।

इससे ना सिर्फ शिशु अविकसित दिमाग लिए पैदा होता है बल्कि इससे शिशु की मौत होने की भी संभावना रहती है। जीका वायरस के चलते लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में 2 महीने के शिशु के गर्भ में मरने का ताजा मामला सामने आया है। अब तक यह वासरस 38 देशों में फैल चुका है।



 भारत में जीका


वैज्ञानिकों का कहना है कि जीका वायरस भारत में भी अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर सकता है। हालांकि अभी तक भारत में इसका कोई मामला नहीं देखा गया है। लेकिन फिर भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए अलर्ट जारी कर दिया है। जिसके चलत भारत उन 5 देशों की लिस्ट में शामिल ​है जहां जीका वायरस से लड़ने के लिए टीके विकसित करने की परियोजनाएं चालू हैं।


जीका वायरस को लेकर वैज्ञानिकों ने इसलिए भी भारत को संवेदनशील बताया है क्योंकि भारत में डेंगू मच्छरों का बहुत आतंक है और यह वायरस भी मच्छरों के द्वारा ही फैलता है। हालांकि इसकी चपेट में आने का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को है। ऐसे में अगर आप गर्भवती हैं या होने जा रहीं हैं तो अपनी सुविधा व सुरक्षा के लिए इन बातों का विशेष ध्यान दें—



गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान


- अपने आस-पास खासतौर पर सफाई रखें

- जहां पानी जमा हो रहा हो वहां कीटनाशक ​छिड़काव करें
- खान-पान पर विशेष ध्यान दें
-  हल्के रंग के कपड़ें पहनें
- अपने स्वास्थ्य को लेकर बीच-बीच में डॉक्टर से बात करते रहें
- किसी भी तरह के मच्छर से कटने से बचें
-  खूब पानी पीएं
- अधिक यात्रा ना करें
-  बिस्तर पर मच्छरदानी और बाहर निकलते समय शरीर पर क्रीम रेपलेंट लगाएं

जीका वायरस के लक्षण


जीका वायरस को पहचानने के कई लक्षण है। जिनमें से अगर 2 लक्षण भी किसी व्यक्ति को खुद में महसूस हो तो वह तुरंत चिकित्सक परामर्श लें। खासतौर से गर्भवती महिलाएं। क्योंकि इसे नजरअंदाज करने पर आप अपने शिशु को खो सकतीं हैं।

- जोड़ों में दर्द
- आंखें लाल होना
- चिड़चिड़ापन
-  बेचैनी
-  उल्टी
-  आमतौर पर बुखार
-  आखों के पीछे दर्द
- स्किन रैसेज



शिशु पर ये होगा असर
जीका वायरस गर्भवतियों के लिए खतरनाक है। इसके काटने से माइक्रोसेफैली (Microcephaly), न्यूरोलॉजिकल (Neurological) समस्याएं हो जाती हैं। जिसके चलते ऐसी महिलाओं के शिशु आमतौर पर असामान्य देखें गए हैं। जन्म के दौरान से ही ऐसे शिशुओं के सिर बड़ें और कमजोर होते हैं।