क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Wednesday, August 3, 2016

क्या आपके बच्चे भी नहीं ले रहे हैं चैन की नींद?


अगर आपके बच्चे भी रात को भरपूर नींद नहीं ले पा रहे हैं तो यह ना सिर्फ उन्हें शारीरिक बल्कि मानसिक बीमारी होने का भी संकेत करता है। क्योंकि जब दिनभर की थकान के बाद बच्चा बिस्तर पर जाता है तो उसे तुरंत नींद आती है और यह एक स्वस्थ शरीर की पहचान भी है। क्या आप जानते हैं कि भरपूर नींद के अभाव कितनी गंभीर ​बीमारियां हो सकती हैं? नींद के अभाव में होने वाली बीमारियों में दिल का दौरा, डिमेंशिया, डिप्रेशन, आखों का कमजोर होना, मोतियाबिंद, मिर्गी के दौरे पड़ना और पाचन तंत्र बिगड़ना जैसी बीमारियां शामिल हैं।

क्यों नहीं आती बच्चों को नींद
आजकल के बच्चों पर स्कूल-ट्यशन की पढ़ाई और हर जगह खुद को सर्वश्रेष्ठ दिखाने का प्रेशर बना रहता है। अगर आप यह सोच रहे हैं कि आजकल के एडवांस समय में बच्चों को यह सब करना ही पड़ता है तो यह आपकी गलतफहमी है। नींद ना आने का कारण प्रेशर से ज्यादा हमारे खानपान पर निर्भर करता है। आजकल के बच्चे फास्टफूड खाने के इतने आदि हो गए हैं कि उन्हें घर का बना जहर लगता है।


ऐसी स्थिति में माता पिता होने के नाते आपका फर्ज बनता है कि आज अपने बच्चों को खाने से अलग प्रोटीन दें। हम आपको सलाह देंगे कि आप बाजार से कैमिकल सप्लीमेंट खरीदने के बजाय Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का इस्तेमाल करिए। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा-3, फैट, कॉर्बोहाईड्रेट के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ रखते हैं। जब बच्चा स्वस्थ होगा तो उसे भरपूर नींद लेने से कोई नहीं रोक सकता है।

Monday, August 1, 2016

ये है आपके बच्चे के लिए प्रोटीन की सही मात्रा


अगर आप भी अपने बच्चे के लिए प्रोटीन युक्त सप्लीमेंट खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो प्लीज कैमिल युक्त सप्लीमेंट से सावधान रहें। बाजारों में मिलने वाले आधे से ज्यादा सप्लीमेंट में कैमिकल का प्रयोग किया जाता है। 0—13 साल की उम्र के बच्चों के बेहतर विकास के लिए प्रोटीन और पोषक तत्वों की खासी जरूरत होती है। इसलिए जब भी आप किसी सप्लीमेंट का चयन करें तो उसे अच्छी तरह भांप लें।

हम यहां आपको सलाह देंगे कि आप अपने बच्चों के बेहतर विकास और उज्जवल भविष्य के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। यह सप्लीमेंट आपके के सम्पूर्ण विकास करने में पूरी मदद करेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो बच्चों के लिए रामबाण हैं। आइए हम आपको बताते हैं किस उम्र के बच्चों को ​कितनी प्रोटीन की मात्रा की जरूरत होती है।


0 से 12 महीने के बच्चों को रोजाना 9.1 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
1 से 3 साल के बच्चों को रोजाना 13 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
4 से 8 साल के बच्चों को रोजाना 19 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।
9 से 13 साल के बच्चों को रोजाना 34 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है।

इसलिए आपके बच्चे हमेशा चिड़चिड़े रहते हैं!


आप भी सुनते रहते होंगे कि प्रोटीन और पोषक तत्व एक स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी होते है। लेकिन क्या हम इन चीजों पर ज्यादा समय के लिए अमल कर पाते हैं? नहीं ना! इसी लापरवाही से हम बीमार पड़ते हैं और उसके बाद जब हम अपने बच्चों को प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन करने के लिए कहते हैं तो वह उस बात को अनसुना कर चलता हो जाते हैं। 

आजकल के परिजनों को अक्सर दो तरह की शिकायतें रहती हैं— पहली यह कि उनके बच्चे जरूरत से ज्यादा जिद्दी हैं और दूसरे ये कि उनके बच्चे अपने आप में ही सिमटे रहते हैं। क्या आपने कभी यह सोचने का प्रयास किया है कि तमाम कोशिशों के बावजूद यह ​आपके साथ क्यों हो रहा है? आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में महज 5 साल के बच्चे पर भी अभिभावक काफी प्रेशर डाल देते हैं। जिसे पूरा करने के लिए बच्चों को प्रेशर की तुलना में पोषक आहार नहीं मिल पाता। ऐसी स्थिति में बच्चा या तो चिड़चिड़ा रहने लगता है और या फिर मायूस होकर अपने आप में ही खोया रहता है।


क्योंकि आजकल हर चीज में मिलावट हो रही है इसलिए यह जरूरी है कि हम सिर्फ अन्न के भरोसे अपने बच्चों को ना छोड़ कर उन्हें प्रोटीन युक्त भोजन सा सप्लीमेंट दें। इसके लिए हम आपको यहां सलाह देंगे कि आप बच्चे के बेहतर विकास के लिए Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट को इस्मेमाल करिए। यह सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा 3, ओमेगा 6, कैल्शियम, फाइबर, आयरन, फैट, एनर्जी समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जो हमारी मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित रखने के साथ ही हमारा लीवर मजबूत होता।

इसके साथ ही यह सप्लीमेंट हमारे बच्चों को शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास करने में भी मदद करता है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह सप्लीमेंट प्राकृतिक पोषक तत्वों से बना है जो बच्चों के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जिससे बच्चे समय समय पर बीमार नहीं पड़ते हैं।

Monday, July 25, 2016

बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा

पहले के समय में बच्चा लगभग 20 साल की उम्र के बाद अपने बराबर के बच्चों के साथ पढ़ाई और करियर को लेकर प्रतिस्पर्धा करता था। लेकिन आज का समय इतना एडवांस हो गया है अभिभावक छोटी से उम्र में ही अपने बच्चों पर खुद की उम्मीदों का टोकरा रख देते हैं। अगर बच्चें उन उम्मीदों पर खरे उतर गए तब तो उनकी वाहवाई होती है, नहीं तो अभिभावक सफल बच्चों का उदाहरण देकर व बात-बात पर ताने माकर उन्हें उनकी प्राकृतिक क्षमता से भी कमजोर बना देते हैं।

खुशखबरी! प्रोटीओमेगा दिलाएगा पतलेपन से छुटकारा

संघर्षी वातावरण में हम लोग इतने अंधे हो गए हैं कि अपने बच्चों के खानपान पर ध्यान देने के बजाय उनके आगे सिर्फ उम्मीदों का घड़ा रख देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि बच्चों का सम्पूर्ण विकास और शारीरिक क्षमता सिर्फ उसके खानपान पर निर्भर करती है। जब तक बच्चों के आहार में प्रोटीन शामिल नहीं होगा तक तक बच्चें एक स्वस्थ शरीर पाने में अक्षम रहेंगे। क्योंकि खानपान का सीधा असर हमारी सेहत और उज्ज्वल मस्तिष्क पर पड़ता है। बच्चा अपने आहार में जितना अधिक मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्वों का सेवन करेगा उतना ही अच्छा उसके शरीर का विकास होगा।


आजकल का खानपान
आजकल का खानपान इतना कैमिकल युक्त हो गया है वह हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करता जा रहा है। दैनिक आहार में कुछ ना कुछ फास्ट फूड शामिल होने के चलते बच्चों को पौष्टिक से नफरत होती जा रही है। एक तो शहरों का प्रदूषण भरा माहौल और दूसरा बच्चों का बेकार खानपान उनके संपूर्ण विकास पर विराम लगा देते है। जिससे बच्चें छोटी से उम्र में ही शारीरिक रूप से अस्वस्थ और कई गंभीर बीमारियों से घिरने लगते हैं।

प्रोटीओमेगा से दूर होता है डिप्रेशन, मिलती है शांति

इस स्थिति में परिजन अफरा-तफरी में बच्चों के विकास के लिए बाजारों में बिक रहे तमाम तरह के सप्लीमेंट और दवाईयों का सहारा लेते हैं और अपने बच्चों को स्वस्थ होने की दुआई देकर जबरन उनका सेवन करने के लिए दबाव डालते हैं। जिससे या तो साइडइफेक्ट होने शुरू हो जाते हैं और या फिर बच्चे बीमार पड़ जाते हैं।


संपूर्ण विकास के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा
प्रोटीओमेगा यानि कि प्रोटीन और ओमेगा के मिश्रण से बना एक ऐसा सप्लीमेंट जो बच्चों में हर तरह से विकास करने में कामयाब है। Dr.G Wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6, कॉर्बोहाईड्रेट, फाइबर और अन्य पोषक तत्व हैं। इन सभी तत्वों की बच्चों को छोटी सी उम्र में ही जरूरत होती है। इस सप्लीमेंट के नियमित सेवन से बच्चों के ​मस्तिष्क विकास के साथ-साथ उनका वजन, भूख, आखों की रोशनी, हाईट, पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम आदि सभी चीजें संतुलित रहती हैं।

अच्छे स्वास्थ्य का मंत्र है प्रोटीओमेगा

इसे पानी, दूध या किसी भी शेक्स में मिलाकर देने से बच्चें हर तरह की बीमारी से अछूत रहते हैं। यह सप्लीमेंट जितना हेल्दी है उतना ही स्वादिष्ट भी है। प्रोटीओमेगा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस अकेले सप्लीमेंट में सभी महत्वपूर्ण पौषक तत्व प्रचुर मात्रा में पर्याप्त हैं।