क्या आप भी गर्मियों में डल स्किन से परेशान हैं?

मौसम चाहे कोई भी हो लेकिन हर लड़की चाहती है कि वह हमेशा चमकती-दमकती और फ्रैश दिखें। लेकिन गर्मियों के मौसम में इसे बरकरार रखना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है।लेकिन आज हम आपको बताएंगे हैं कि आप कैसे खुद को हमेशा खिलाखिला रख सकती हैं।

अबॉर्शन कराना मतलब डिप्रेशन को न्यौता देना

अबॉर्शन के बाद डिप्रेशन होना शायद यह बात आपको थोड़ा अजीब जरूर लगे। लेकिन सच यह है कि अबॉर्शन और डिप्रेशन का बहुत गहरा संबंध है। अॅर्बाशन कराने के बाद अधिकतर महिलाएं डिप्रेशन और...

अस्थमा के मरीज हैं तो बारिश से रहे सावधान, जानिए क्यों?

मानसून आने में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। लेकिन इस मानसून की शुरुआती बारिश में भीगना अस्थमा के मरीजों के लिए अभिश्राप साबित हो सकता है। ऐसे मौसम में अस्थमा के मरीज इन उपायों को अपनाकर स्वस्थ रह सकते हैं।

देश का भविष्य खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आप यह जानकर हैरान होंगे कि फास्ट फूड हमारे देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है।

बालों को लेकर कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये 5 गलतियां?

आज के समय में हर कोई बालों के झड़ने और रफ होने जैसी समस्या से परेशान रहते हैं। लेकिन अगर हकीकत देखी जाए तो अपनी इस समस्या के लिए कहीं ना कहीं हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं।

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Wednesday, July 27, 2016

बीमारियों से रहना है दूर तो बदलिए लाइफस्टाइल


आधे से ज्यादा बीमारियों की चपेट में हम अपने खराब लाइफस्टाइल की वजह से आते हैं। यानि कि लगभग आधे से ज्यादा बीमारियों के लिए हम खुद ही जिम्मेदार होते हैं। इसलिए बीमारी के वक्त मौसम या किसी और चीज को कोसना बंद कीजिए। कैसे? वो ऐसे कि हमारे खानपान का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि हम दूषित और अनियमित खानपान को अपनाएंगे तो 99 प्रतिशत हमारा बीमार पड़ता लाजमी है।

लाइस्टाइल बीमारियां
लाइस्टाइल बीमारियां यानि कि जैसे इन दिनों मानसून का मौसम चल रहा है। अगर हम ऐसे मौसम में ज्यादा फास्ट फूड और गंदा खाना खाएंगे तो हमें वायरल बुखार, पीलिया, हैजा, कमजोरी, मोटापा और टाइफाइड जैसे रोग निश्चित तौर पर लगेंगे।

प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट
इन सब से बचने का सबसे अच्छा माध्यम है कि हम एक हेल्दी डाइट अपनाएं और अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन को शामिल करें। प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, ओमेगा और कई पोषक तत्वों से बना Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट आपको लाइफस्टाइल बीमारियोंं से बचाने के साथ ही आपको एक स्वस्थ शरीर प्रदान कर सकता है। इस सप्लीमेंट की खासियत यह है कि यह हमारे पेट में फंसें गंदे मल को एनस के द्वारा बाहर निकाल देता है और हमको एक स्वस्थ शरीर प्रदान करता है। इस सप्लीमेंट को पानी, दूध या फिर किसी भी शेक्स के साथ लिया जा सकता है।

थाइराइड से छुटकारा दिलाता है प्रोटीओमेगा, रखता है स्वस्थ


वर्तमान समय में अति व्यस्त, तनावपूर्ण जीवनशैली और दूषित खानपान के कारण मानो लोगों का बीमारियों के साथ रिश्ता सा जुड़ गया है। अनियमित और प्रोटीन रहित खानपात के चलते होने वाली बीमारियों में थाइराइड नामक जानलेवा बीमारी भी शामिल है। थाइराइड उन गंभीर बीमारियों में से एक है जिसकी चपेट में आते ही पीड़ित को जीवन से ज्यादा मौत प्यारी लगने लगती है।

क्या है थाइराइड
थाइराइड ऐसी बीमारी है जो गर्दन और स्वर तंत्र की तरफ तितली के आकार में होती है। हालांकि थायराइड दो तरह का होता है। हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। यह रोेग लगते ही वजन का बढ़ना और कम होना, बालों का झड़ना, महिलाओं के पीरियड्स में अनियमितता आना, थकान महसूस होना और डिप्रेशन जैसे खतरनाक लक्षण शामिल हैं। यह रोग महिलाओं में अधिक घर करता है।


कैसे बचें इससे
लगभग 99.9 बीमारियां हमारे खानपान पर निर्भर करती हैं। जब तक हम अपने खानपान में प्रोटीन की अधिक से अधिक मात्रा को शामिल नहीं करेंगे तक हम किसी भी कीमत पर स्वस्थ नहीं रह सकते। लेकिन व्यस्त जीवनशैली होने के चलते किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि वह प्रोटीन के पीछे भागे।

इसलिए हम आपकी इस समस्या को दूर करने के लिए आपको Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट से रूबरू करा रहें हैं। इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, आमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ कई ऐसे प्राकृषिक पोषक तत्वों को मिश्रण है जो थाइराइड जैसी लाखों जानलेवा बीमारियों के लिए रामबाण साबित हो चुका है।


थाइराइड के लिए सिर्फ प्रोटीओमेगा ही क्यों?
अगर आप या आपके कोई परिजन थाइराइड के पीड़ित हैं और आप डॉक्टर से उनके लिए आहार तालिका बनाएंगे तो वो आहार तालिका में विटामिन, प्रोटीन और फाइबरयुक्त आहार का ज्यादा मात्रा में सेवन करने के लिए कहेंगे। जो कि Dr.G wellness के प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट में प्रचुर मात्रा में पर्याप्त है। इसकी खास बात यह है कि इस सप्लीमेंट में 0.1 प्रतिशत भी किसी कैमिकल का प्रयोग नहीं किया गया है। इसे किसी भी तरलीय पदार्थ जैसे पानी, दूध या शेक्स के साथ स्मूथी के तौर पर लिया जा सकता है।

Tuesday, July 26, 2016

ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात दिलाता है प्रोटीओमेगा


भागमभाग और तनाव भरी जिंदगी के चलते ब्लड प्रेशर का हाई और लो होने को अक्सर लोग एक आम बात कहते हैं। जबकि ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना कोई आम बात नहीं बल्कि भविष्य में होने वाली कई बिमारियों का सूचक है। सबसे गंभीर बात यह है कि ब्लड प्रेशर की बीमारी होने से पहले कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, इसलिए इसे आमतौर पर​ साइलेंट किलर भी कहा जाता है।

ब्लड प्रेशर और प्रोटीओमेगा
व्यस्त जीवनशैली के चलते आज के समय में चाहते हुए कोई अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जबकि सच यह है कि ब्लड प्रेशर का हाई और लोे होना हमारे खानपान पर निर्भर करता है। व्यक्ति अगर अपने खानपान में लापरवाही बरतेगा और अपने आहार में प्रोटीन को शामिल नहीं करेगा तो ब्लड प्रेशर का स्तर बिगड़ना लाजमी है। ब्लड के दोनों स्तर ही हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। क्योंकि लो में ब्लड शरीर के सभी अंगों तक नहीं पहुंच पाता है और हाई होने पर माइग्रेन और दौरे पड़ने का खतरा रहता है।

ब्लड प्रेशर लेवल और व्यस्त जीवनशैली दोनों को काबू करने के लिए Dr.G wellness का प्रोटीओमेगा सप्लीमेंट का सेवन आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। क्योंकि इस सप्लीमेंट में प्रोटीन, ओमेगा-3, ओमेगा-6 के साथ ही कई ऐसे पोषक तत्व शामिल हैं जिनकी हमें स्वस्थ रहने के लिए काफी जरूरत होती है।

Saturday, July 16, 2016

इन 5 टिप्स को अपनाकर सामान्य जुकाम-बुखार को कहें 'Bye'


इन दिनों चल रहे बारिश और मानसून के मौसम में सामान्य बुखार और जुकाम होना आम बात है। क्योंकि ऐसे मौसम में व्यक्ति का शरीर अन्य मौसमों की तुलना में थोड़ा नाजुक और कमजोर हो जाता है। जिससे हम जल्दी बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं। ऐसे मौसम में जुकाम, बुखार, बार बार छींकें आना, खांसी होना, ठंड लगना, सिर दर्द होना और शरीर में भारीपन आना जैसे रोग बहुत जल्दी हो जाते हैं। 

हालांकि अगर हम एक हेल्थी डाइट और हल्के व्यायाम के माध्यम से इन सामान्य रोगों से बच सकते हैं। हम आपको ऐसे 5 घरेलू टिप्स बता रहे हैं जिनका सेवन करने से आप सामान्य सर्दी-बुखार से बहुत जल्दी आराम पा सकते हैं।

1) चिकन सूप- सर्दी जुकाम के समय में चिकन सूप को प्राकृतिक दवा माना जाता है। ठंड की वजह से बुखार या फिर जुकाम होने पर चिकन सूप पीने से तुरंत आराम मिलता है। यदि आप वेजिटेरियन हैं तो आप टमाटर या गाजर का सूप भी पी सकते हैं।

2) गर्म और मसाले वाला खाना- मिर्च वाला गर्मागर्म कोई भी खाना खाने से जुकाम-बुखार चुटकी भर में गायब हो जाता है। ऐसे में आपको जो भी डिश सबसे ज्यादा पसंद हो उसमें आप थोड़ा एक्सट्रा मसाला डाल के खा सकते हैं।

3) ग्रीन टी- ग्रीन टी सर्दी-जुकाम के मौसम में बहुत कामयब मानी जाती है। इसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। ग्रीन टी के​ नियमित सेवन करने से सामान्य जुकाम-बुखार, फ्लू के साथ ही इन्फेक्शन से भी बचा जा सकता है।

4) शहद- शहद को सर्दियों के मौसम में अमृत माना जाता है। यह सामान्य सर्दी-बुखार से पीड़ित लोगों के लिए तो फायदेमंद होता ही है साथ ही इसका सेवन स्वस्थ लोगों को भी करना चाहिए। जल्दी फायदे के लिए गुनगुने दूध में शहद को मिला कर लें।

5) लहसुन- सर्दी-बुखार को जल्द दूर भगाने के लिए लहसुन ऐसा घरेलू उपाय है जो लगभग सभी के घरों में उपलब्ध होता है। बुखार होने पर लहसुन का सेवन करना चाहिए। यह शरीर में एंजाइम को बढ़ाता है।  

Friday, July 8, 2016

लौंग के इन फायदों को पढ़कर हैरान रह जाएंगे आप!


आज के दौर में अगर कोई बिमारियों के प्रकार पर विचार करने बैठे तो शायद वह खुद ही तनाव में आ जाएगा। क्योंकि आजकल बीमारी शुरू किसी और एंगल से होती है और खत्म किसी और एंगल पर होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि बिमारियों की शुरुआत बड़ी धीमी होती है। जिसके चलते अक्सर हम डॉक्टर को दिखाना जरूरी नहीं समझते। जिसका खामियाजा हमें अंत में भुगतना पड़ता है। लेकिन अगर हम बीमारी और डॉक्टर के बीच इस लंबे अंतराल का कोई बीच का रास्ता ढूंढे तो निश्चित तौर पर हमारे सामने औषधि की ही छवि होगी। लेकिन इस एडवांस भरे दौर में ​हम लोग औषधि को मामूली समझकर या तो एलोपेथी के पीछे दौड़ते हैं और या फिर बीमारी से जूझते रहते हैं।

आज हम आपको लौंग के फायदे बताएंगे। लगभग सभी लोगों ने अपनी दादी-नानी या फिर घर के किसी बड़ें-बूढ़ों से कभी ना कभी लौंग के फायदों के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन उन पर अमल बहुत कम लोग कर पाते हैं। लौंग एक ऐसी औषधि है जिसका सेवन करने से ना सिर्फ कई तरह की बिमारियों से तुरंत आराम मिलता है बल्कि इससे बिमारियों का जड़ से खात्मा भी हो जाता है।तो आइए लौंग के फायदों के बारे में—


दांतों के लिए लौंग
आजकल बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को दातों में दर्द की समस्या रहती है। ऐसे में अगर लौंग को दर्द वाली जगह पर रखा जाए तो इससे चुटकी भर में आराम मिलना शुरू हो जाता है। साबुत लौंग के अलावा दांतों के दर्द के लिए लौंग के तेल का इस्तेमाल भी काफी प्रभावशाली होता है। लौंग सभी बैक्टीरियां का चुटकी भर में खात्मा कर देता है।

पाचन के लिए
जिन लोगों को अक्सर पाचन करने में दिक्कत आती है उन लोगों के लिए लौंग काफी फायदेमंद होती है। पाचन, गैस, बम्पिंग या कांस्टीपेशन की समस्या से पीड़ित लोग सुबह खाली पेट अ​गर 1 ग्लास पानी में कुछ बूंदे लौंग के तेल की डालकर पीएं तो उन्हें काफी आराम होगा। साथ ही सुबह खाली पेट साबुत लौंग को मुंह में रखकर भी काफी आराम मिलता है। इसके अलावा जो लोग सुबह चाय पीने के आदि है वह चाय में 1 से 2 लौंग डालकर भी इसका लाभ उठा सकते हैं।

सर्दी-जुकाम में लौंग
जिन लोगों को सर्दी बहुत जल्दी लगती है उन्हें हमेशा अपने साथ 1 या 2 लौंग रखनी चाहिए। सर्दी-जुकाम की समस्या के वक्त मुंह में साबुत लौंग रखने से जुकाम के साथ ही गले में होने वाले दर्द से भी काफी आराम मिलता है।

मुंह से बदबू के लिए
अधिकतर लोगों को शिकायत रहती है कि वह जितना मर्जी दातुन कर लें या कितनी भी दांतों की साफ-सफाई कर लें लेकिर उनके मुंह से बदबू नहीं जाती। ऐसे लोगों के लिए लौंगे बहुत ही फायदेमंद है। 40 से 45 दिनों तक रोज सुबह मुंह में साबुत लौंग का सेवन करने से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद
चहरे के दाग-धब्बों या फिर सांवली त्वचा को निखारने के लिए भी लौंग फायदेमंद है। लौंग के पाउडर को किसी फेसपैक या फिर बेसन के साथ मिलाकर लगाया जा सकता है। लेकिन ध्यान रखें सिर्फ लौंग का पाउडर कभी चेहरे पर ना लगाए। क्योंकि यह बहुत गर्म होता है, जिससे चेहरे पर रिएक्शन होने के चांस रहते हैं।


बाल होते हैं घने
जिन लोगों के बाल अक्सर झड़ते हैं या फिर सूखे-सूखे से रहते हैं वह लोग लौंग से बना कंडीश्नर इस्तेमाल कर सकते हैं। या फिर लौंग को थोड़े से पानी में गर्म कर उससे बाल धोएं जा सकते हैं। इससे बाल घने और मजबूत होते हैं।

गठिया रोग
गठिया के रोगियों के लिए लौंग का तेल काफी असरदार होता है। दर्द वाली जगह पर लौंग के तेल से हल्की मालिश करने पर काफी आराम मिलता है। क्योंकि लौंग में काफी मात्रा में फ्लेवोनॉयड्स पाया जाता है। जो ​काफी फायदेमंद होता है।

तनाव से छुटकारा
अक्सर लोग तनाव होने पर सिगरेट, शराब जैसी नुकसानदेह चीजों का इस्तेमाल करते हैं। जिससे शायद उन्हें पल भर के लिए आराम तो मिल जाता है लेकिन जीवन संकट में पड़ जाता है। ऐसे में तनाव के वक्त लौंग का सेवन बहुत असरदार होता है।

खाने में लौंग
सब्जी, दाल, प्लाओ या फिर किसी अन्य व्यंजन में सिर्फ 2 लौंग डालने से उसका स्वाद ही लाजवाब हो जाता है। जिससे कि यह स्वाद और हमारी सेहते दोनों के​ लिए असरदार होता है।

Thursday, July 7, 2016

योग से दूर होता है अलजाइमर, बढ़ती है याद्दाश्त



अलजाइमर भूलने की बीमारी उन रोगों में से एक है जिनके बारे में मरीज से पहले उसके परिवार या अन्य जान पहचाने के लोगों को महसूस होता है। क्योंकि यह बीमारी प्रारंभ में यह खुद को महसूस नहीं होती है। वो इसलिए क्योंकि अलजाइमर दिमाग की बिमारी है, और इसकी गिरफ्त में आते ही संबंधित व्यक्ति दीर्घकालीन के साथ साथ अपने रोजमर्रा के कामों से भी बेखबर होने लगता है। मौजूदा वक्त में हमारे देश में 21 लाख लोग अलजाइमर के रोगी हैं। हालांकि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। लेकिन निम्नलिखित लक्षण मिलने पर डॉक्टरी जांच अवश्य करानी चाहिए।

अलजाइमर के लक्षण
- खुद ही चीजों को रखकर भूलना
- एक ही बात को बार बार दोहराना
- खुद से बात करना
- जानी पहचानी जगहों या अपने ही घर में खो जाना
- रोजाना के आसान कामों को करने में भी दिक्कत महसूस होना
- देर रात को निकल कर घूमना
- बात करते वक्त सामने वाले व्यक्ति को घूरना
- काम ना करने पर भी ऐसा लगना कि वह काम हमने कर दिया है
- छोटी छोटी बातों पर चौंक जाना, आदि


उम्र बढ़ने के साथ होता है अलजाइमर
डॉक्टरों का मानना है कि 60 साल की उम्र के बाद अक्सर लोगों में अलजाइमर के लक्षण देखें जाते हैं। लेकिन अगर उनसे इस बारे में जिक्र करो तो वह इस बात से इंकार करते हैं।

क्यों होता है अलजाइमर
अलजाइमर होने का एक सबसे बड़ा कारण शारीरिक रूप से अस्वस्थ होना भी है। जो लोग कम उम्र में ही शारीरिक रूप से पीड़ित रहते हैं उनमें अलजाइमर होने के चांस ज्यादा होते हैं। क्योंकि ऐसे लोगों के मस्तिष्क तंतु वक्त से पहले ही सिकुड़ने लगते हैं। जबकि स्वस्थ लोगों के मस्तिष्क तंतु हमेशा स्वस्थ और क्रियाशील रहते हैं।


योग से दूर होता है अलजाइमर
वैसे तो हम पहले ही बता चुके हैं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है लेकिन योग एक ऐसा माध्यम है जिसे निरंतर करने से इस बीमारी का हल निकाला जा सकता है। एक्सपर्टों का कहना है कि इस बीमारी को शुरुआत में पता लगते ही व्यायाम करना शुरू कर देना चाहिए। इतना ही नहीं निरंतर योग करने से याद्दाश्त भी बढ़ती है। अलजाइमर से ग्रसित मरीजों को दिन में कम से कम आधा घंटा योग करना चाहिए। 

Tuesday, July 5, 2016

देश का 'भविष्य' खराब कर रहा है फास्ट फूड

आज के समय की भागदौड़ भरी जिंदगी में फास्ट फूड को लोगों की पहली पसंद कहें या मजबूरी, दोनों ही स्थितियों में यह जानलेवा है। आजकल अभिभावक खासतौर से बच्चों को स्कूल भेजते वक्त समय की कमी को आड़ बनाते हुए उन्हें फास्ट फूड देकर चलता कर देते हैं। जबकि परिजनों की इस लापरवाही का अंजाम बच्चें भुगतते हैं। आज स्थिति यह हो गई हो है कि हमारे देश में 5 साल की छोटी उम्र से ही बच्चों के पाचन तंत्र में दिक्कतें आने लगी हैं। जो उम्र बढ़ने के साथ लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में खराब डाइट के चलते 20 साल की उम्र तक आते-आते बच्चों का पाचन तंत्र पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो रहा हैं।


देश के प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स द्वारा कराए गए सर्वे में पता चला है कि 6 से 17 साल तक की उम्र के बच्चें कई तरह से रोगी हैं। सरकारी स्कूल के बच्चों की अपेक्षा प्राईवेट स्कूल के बच्चों को फास्ट फूड की ज्यादा लत होती है। सर्वे के मुताबिक प्राईवेट स्कूलों में पड़ने वाले 35 फीसदी बच्चें बिमारियां से पीड़ित हैं। केरल के कोच्चि शहर में सीबीएसई बोर्ड के 6 से 17 साल की उम्र के 7,202 बच्चें ऐसे हैं जिन्हें काफी गंभीर बिमारियां हैं। सर्वे बताता है कि शहरी इलाकों में 6 फीसदी छात्र मोटापे के शिकार हैं, 12 फीसदी ओवरवेट हैं और 17.2 फीसदी अंडरवेट हैं। यह सर्वे वर्ष 2015 का है।


जब इन 7,202 बच्चों में से 4,799 बच्चों का ब्लड प्रेसर लेवल चेक किया गया तो बेहद चौंकाने वाले परिणाम सामने आए। 7,202 बच्चों में से 15.1 फीसदी बच्चे ऐसे हैं जिनका ब्लड प्रेसर हाई है। जबकि 15.1 फीसदी बच्चें ऐसे हैं जो हाई ब्ल्डप्रेसर की कगार पर हैं। वहीं, एम्स द्वारा 2005 में किए सर्वे में हर कक्षा में सिर्फ 2 छात्र मोटे और 6 छात्र ओवरवेट पाए गए थे। जबकि बीते 10 सालों में आज यह संख्या दोगुनी हो गई है।

इन बिमारियों से पीड़ित हैं बच्चें

आजकल 10 साल से 18 साल के बीच कई बच्चें ऐसे हैं जिन्हें माइग्रेन, पथरी, हाई ब्लड प्रेशर, लो ब्लड प्रेशर, शुगर, सिर दर्द, पेट दर्द, आखें कमजोर जैसी गंभीर बिमारियां हैं। इतना ही नहीं ज्यादा आॅयली और मिर्च मसाला खाने के चलते बच्चें बवासीर जैसी खतरनाक बिमारी से भी पीड़ित हैं।



क्या कहते हैं एक्सपर्ट ?


हेल्थ एक्सपर्टों का कहना है कि सिर्फ पौष्टिक आहार के अभाव के चलते आज बच्चों की यह दुर्दशा हो रही है। आजकल परिजन फास्ट फूड को बच्चों की पसंद मानकर और उनकी पलभर की खुशी के लिए उन्हें फास्ट फूड के दलदल में धकेल देते हैं। जब बच्चा फास्ट फूड का सेवन अधिक करने लगता है तो उसे घर का खाना फीका और बेस्वाद लगने लगता है। जबकि 18 साल की उम्र तक बच्चों को फास्ट फूड के बजाय ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन, विटामिन और अच्छी डाइट की जरूरत होती है।



क्या होती है अच्छी डाइट ?

एक्सपर्टों कहते हैं बच्चों के दैनिक आहार में रोटी, 2 टाइम दाल, हरी सब्जियां 2 ग्लास दूध, 1 कटोरी दही, सलाद,  मौसमी फल, स्प्राउट्स, जूस होना अनिवार्य है। एक्सपर्ट यह भी कहते हैं कि बच्चों का भविष्य स्वस्थ और उज्जवल बनाने के लिए हमें बच्चों का मन फास्ट फूड से हटाना चाहिए और उन्हें हेल्थी चीजों की ओर आकर्षित करना चाहिए।